जहां चाह, वहां राह

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लोकसत्ता भारत

चेतन जैन

जहां चाह, वहां राह

बीहड़ से राष्ट्रपति भवन तक का सफर

के.आर. गर्ल्स इंटर कॉलेज, लखना की विज्ञान शिक्षिका श्रीमती प्रीति यादव के जज्बे और हौसले की जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है। उनके प्रयासों के कारण विद्यालय की छात्राएं—रूपाली, अविका, जिया, अंशिका त्रिपाठी और अनामिका—को राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी से मिलने का अनमोल अवसर प्राप्त हुआ।

यह न सिर्फ इन छात्राओं के लिए, बल्कि पूरे जनपद इटावा के लिए गर्व का क्षण है। आपका अपने कार्य के प्रति समर्पण, सक्रियता, लगन और नवाचार सच में अनुकरणीय है। पुरानी पेंशन बहाली मंच (अटेवा) इटावा तथा अन्य शिक्षक-कर्मचारी संगठनों की ओर से आपको हार्दिक बधाई।




एक अविस्मरणीय दिन — 9 अगस्त 2025

इस दिन मुझे और मेरी छात्राओं को, देश के कोने-कोने से आए विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के साथ, राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाने का अद्भुत अवसर मिला। यह अनुभव मेरे जीवन के सबसे विशेष और अविस्मरणीय पलों में से एक रहेगा।

भारत की प्रथम नागरिक के विचारों को साक्षात सुनना मेरे लिए प्रेरणादायक रहा। राष्ट्रपति जी ने रक्षाबंधन को केवल भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित न रखते हुए, सम्पूर्ण प्रकृति—मानव, जीव-जंतु और पेड़-पौधों—को रक्षा के सूत्र में बांधने का संदेश दिया। उन्होंने हमें यह सोचने पर मजबूर किया कि वन, जल, वायु और जीव—सबके संरक्षक हम ही हैं।

उनसे मिलकर महसूस हुआ कि सादगी और साहस ही असली ताकत है। उनका व्यक्तित्व, दृष्टिकोण और देश के प्रति समर्पण सचमुच प्रेरणादायक है। इस रक्षाबंधन ने मुझे अपने देश और समाज के लिए कुछ सार्थक करने का एक नया उत्साह दिया।




छात्राओं के अनुभव

अविका

> राष्ट्रपति जी से मुलाकात मेरे जीवन का एक यादगार पल है। उनके संघर्ष और सादगीपूर्ण जीवन ने मुझे गहराई से प्रभावित किया। अब मैं अपने सपनों को साकार करने और समाज के लिए सकारात्मक योगदान देने के लिए और भी दृढ़ संकल्पित हूँ।



रूपाली

> इस मुलाकात ने मेरे मन में आत्मबल और नई चेतना का संचार किया। मैंने सीखा कि मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। यह अनुभव मुझे जीवनभर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा।



जिया

> राष्ट्रपति जी के जीवन संघर्ष और दृढ़ निश्चय ने मुझे सिखाया कि परिस्थिति कैसी भी हो, हौसले से सब मुमकिन है। अब मैं अपने सपनों के साथ-साथ समाज के प्रति भी अधिक सजग हूँ।



अंशिका

> मैंने सीखा कि कठिनाइयाँ जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन उन्हें पार करना ही सच्ची सफलता है। यह अनुभव मेरे लिए नई उम्मीद और नई ऊर्जा लेकर आया है।



अनामिका

> राष्ट्रपति जी की विनम्रता और संघर्षों से भरा जीवन यह साबित करता है कि आत्मविश्वास और मेहनत से असंभव भी संभव हो सकता है। मैं अब अपने सपनों को साकार करने के लिए और भी उत्साहित हूँ।


Chetan Jain

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