बिधनू में दर्दनाक हादसा: नहर में मछली पकड़ते समय चाचा-भतीजे की डूबकर मौत

कपड़े और जाल देखकर परिजनों को हुआ अनहोनी का अंदेशा, ग्रामीणों की मदद से शव बरामद
कानपुर। बिधनू थानाक्षेत्र अंतर्गत उटसनी मंदिर नहर पुल के पास शनिवार रात मछली पकड़ने गए चाचा-भतीजे की डूबकर मौत हो गई। देर रात तक घर न लौटने पर रविवार सुबह जब परिजन नहर किनारे पहुंचे तो वहां पड़े कपड़े और जाल देखकर अनहोनी की आशंका हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस और ग्रामीणों की दो घंटे की मशक्कत के बाद दोनों के शव नहर से बरामद किए गए।


जानकारी के अनुसार, खेरसा गांव निवासी रमेश पासवान उर्फ पाजे (55) अपने भतीजे बबलू (35) के साथ शनिवार रात मछली पकड़ने के लिए उटसनी मंदिर नहर पुल के पास गए थे। मछली पकड़ने के लिए नहर में जाल लगा रहे थे, इसी दौरान बबलू का पैर फिसल गया और वह जाल में उलझकर डूबने लगा। भतीजे को बचाने के लिए चाचा रमेश भी नहर में कूद पड़े, लेकिन तेज बहाव और फिसलन के कारण दोनों पानी में समा गए।
पूरी रात घर न लौटने पर रविवार सुबह परिजन नहर किनारे पहुंचे। वहां कपड़े और बगल में पड़ा सामान देखकर हादसे का अंदेशा हुआ और पुलिस को सूचना दी गई। थाना प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू शुरू कराया। करीब दो घंटे बाद पुल से 200 मीटर दूर बबलू का शव जाल में लिपटा मिला, जबकि रमेश का शव 500 मीटर दूर बरामद हुआ।
परिवारों में मचा कोहराम
घटना के बाद दोनों परिवारों में कोहराम मच गया। रमेश के तीन बेटे चेतन, बेटन और श्याम पिता की मौत से बेसुध हो गए, वहीं पत्नी रमाकांती का रो-रोकर बुरा हाल है। बबलू की पत्नी उर्मिला शव देख बेसुध हो गई। तीन बेटियां अंजली, पायल, शुभी और बेटे अनुराग व सुमित पिता के शव से लिपटकर बिलखते रहे।
ग्रामीणों ने नहर विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि नहर की कई वर्षों से सफाई नहीं हुई है, जिससे किनारों पर काई जमी हुई है। इसी कारण बबलू का पैर फिसला और हादसा हुआ। उन्होंने नहर विभाग की लापरवाही को हादसे का जिम्मेदार ठहराया।
थाना प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
