हवन कुंड की आहुति के साथ सिद्धचक्र महामंडल विधान का हुआ समापन

 हवन कुंड की आहुति के साथ सिद्धचक्र महामंडल विधान का हुआ समापन

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लोकसत्ता भारत

चेतन जैन /


भव्य शोभायात्रा में श्रीजी विराजे रथ पर, श्रद्धालुओं ने की आरती उतारकर अगवानी


इटावा अष्टानिका महापर्व के पावन अवसर पर शहर के प्रमुख दिगंबर जैन मंदिरों — करनपुरा व कटरा — में आयोजित आठ दिवसीय सिद्धचक्र महामंडल विधान का समापन भक्ति, श्रद्धा और धार्मिक उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ।

सुबह करनपुरा जैन मंदिर में भगवान श्रीजी की शांतिधारा का पुण्य अवसर श्रद्धालु परिवारों को प्राप्त हुआ। उन्होंने केसरयुक्त जल से अभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित किया, तत्पश्चात आरती का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

विधान के अंतर्गत प्रतिष्ठाचार्य पं. मनीष जैन शास्त्री व उनकी टीम ने मंत्रोच्चारण के साथ हवनकुंडों का शुद्धिकरण किया। इंद्र और इंद्राणियों द्वारा 108 वैदिक मंत्रों की आहुतियां दी गईं। इसके पश्चात मंदिर प्रांगण से एक भव्य मंगल शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें श्रीजी को एक प्राचीन रथ पर विराजमान कर नगर भ्रमण कराया गया। विधान में सम्मिलित इंद्र-इंद्राणियों को विशेष बग्घियों में विराजने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

यह शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गों — बजरिया चौराहा, पचराहा, कोतवाली चौराहा, सराय शेख मंदिर, तिकोनीया, पक्की सराय, नगरपालिका चौराहा होते हुए राजागंज चौराहा से होकर पुनः मंदिर परिसर में सम्पन्न हुई। मार्गभर श्रद्धालुओं ने श्रीजी की आरती उतारकर यात्रा की अगवानी की।

दूसरी ओर, कटरा स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर में प्रतिष्ठाचार्य पं. संजय शास्त्री एवं उनकी टीम द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ अभिषेक, शांतिधारा और हवन सम्पन्न कराए गए। हवन में भी इंद्र-इंद्राणियों द्वारा मंत्रों की आहुतियां दी गईं। इसके उपरांत भव्य पालकी यात्रा निकाली गई, जिसमें भगवान श्रीजी को पालकी में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया गया। समापन अवसर पर मंदिर परिसर में उपस्थित सभी धार्मिक पदाधिकारियों एवं विधान आयोजकों का ससम्मान अभिनंदन किया गया।

Chetan Jain

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