इटावा में आरक्षण दिवस एवं संविधान मानस्तंभ स्थापना दिवस पर विशाल जनसभा, सपा सांसद राजभर ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को बताया ‘राजनीतिक पर्दा’

 इटावा में आरक्षण दिवस एवं संविधान मानस्तंभ स्थापना दिवस पर विशाल जनसभा, सपा सांसद राजभर ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को बताया ‘राजनीतिक पर्दा’

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लोकसत्ता भारत

चेतन जैन

इटावा में आरक्षण दिवस एवं संविधान मानस्तंभ स्थापना दिवस पर विशाल जनसभा, सपा सांसद राजभर ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को बताया ‘राजनीतिक पर्दा’
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इटावा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के निर्देश पर आरक्षण दिवस एवं संविधान मानस्तंभ स्थापना दिवस के अवसर पर इटावा के जिला पंचायत सभागार में एक भव्य विशाल जनसभा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता सपा जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य ‘बबलू’ ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सांसद रमाशंकर राजभर, जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव और भरथना विधायक राघवेंद्र गौतम मंचासीन रहे। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री वीरभान सिंह भदौरिया द्वारा किया गया।
*सांसद रमाशंकर राजभर का बड़ा दावा:*
*उपराष्ट्रपति का इस्तीफा बीमारी नहीं, राजनीति से प्रेरित*

कार्यक्रम के दौरान सपा सांसद रमाशंकर राजभर ने देश के उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ के हालिया इस्तीफे को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि

> “यह इस्तीफा बीमारी के नाम पर नहीं, बल्कि राजनीतिक दबाव का परिणाम है।”



उन्होंने कहा कि हाल ही में चर्चित “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह एक रणनीति बनाई गई।

> “यदि उपराष्ट्रपति ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया होता, तो भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता ने उनसे मुलाकात कर औपचारिक विदाई दी होती — परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ।”



राजभर ने भाजपा सरकार पर “सत्य बोलने वालों को हटाने” का आरोप लगाया।

> “राज्यपाल सत्यपाल मलिक हों या अन्य संवैधानिक पदाधिकारी, जैसे ही सत्ताधारी दल से असहमत सवाल उठाए जाते हैं, उन्हें पद से हटाने की योजना शुरू हो जाती है।”

राजभर ने कहा कि पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक वर्गों का पीडीए गठबंधन लगातार मजबूत हो रहा है, जिससे भाजपा चिंतित है।

> “जातीय जनगणना, किसान आंदोलन और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर भाजपा का बदलता रुख उसकी घबराहट दर्शाता है।”
उन्होंने कहा कि जनता अब सब जान चुकी है और जल्द ही सच्चाई सबके सामने आ जाएगी।
सांसद के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। विपक्ष पहले से भाजपा पर लोकतांत्रिक संस्थाओं के दुरुपयोग और संवैधानिक पदों को नियंत्रित करने के आरोप लगाता रहा है। अब उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर उठे सवालों ने इस बहस को और गहरा कर दिया है

Chetan Jain

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