किसानों की दुर्दशा पर कांग्रेस का हल्लाबोल, मुफ्त बिजली-खाद के वादे को बताया जुमला

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लोकसत्ता भारत
जसवंतनगर। प्रदेश में खरीफ की बुवाई जोरों पर है, लेकिन किसान यूरिया, खाद, बिजली और पानी के लिए बेहाल हैं। इन ज्वलंत मुद्दों को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी इटावा के पूर्व अध्यक्ष मलखान सिंह यादव और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आलोक यादव के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने महामहिम राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन भेजकर सरकार को घेरा।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि भाजपा सरकार के राज में किसानों की कमर तोड़ दी गई है। महंगे दामों पर भी यूरिया और खाद मिलना मुश्किल हो गया है। सिंचाई के लिए न तो पर्याप्त पानी है और न ही बिजली आपूर्ति सुचारू है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चुनावी मंचों पर किसानों को मुफ्त बिजली और पानी देने के जो वादे किए गए थे, वह पूरी तरह जुमले साबित हुए हैं। किसानों को आज महंगी खाद और बिजली के भारी-भरकम बिलों की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।ज्ञापन में सरकार से मांग की गई कि तत्काल किसानों को जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं ताकि खरीफ की बुवाई प्रभावित न हो। इसके साथ ही खाद की कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई करने और किसानों को सस्ती दरों पर खाद-बिजली मुहैया कराने की भी मांग रखी गई। चेतावनी दी गई कि अगर जल्द हालात नहीं सुधरे तो किसान सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह सरकार की होगी।
ज्ञापन पर ब्लॉक अध्यक्ष सिद्धनाथ यादव, राहुल दीक्षित, राम सुंदर, सतीश शाक्य, अनुराग, आज़ाद ख़ान, लालमन बाथम, सचिन शंखवार, कु. नीरज, विक्रम सिंह, तुलसीदास शुक्ला, राम जीवन कुशवाह, सरवर अली समेत दर्जनों कांग्रेस नेताओं और किसान कार्यकर्ताओं ने हस्ताक्षर किए।कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रदेश में किसान दिन-ब-दिन कर्ज में डूबता जा रहा है। खेती की लागत बढ़ती जा रही है और मुनाफा शून्य के बराबर रह गया है। भाजपा सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह संवेदनहीन हो गई है। ऐसे में अब किसानों के पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
फोटो:-एसडीएम को ज्ञापन सौंपते मलखान सिंह यादव और आलोक यादव।