धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला, जातिगत घृणा की निंदनीय मिसाल एक भगवताचार्य के साथ जाति के नाम पर बर्बरता

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लोकसत्ता भारत
स्थान: दांदरपुर, महेवा ब्लॉक, इटावा (उत्तर प्रदेश)
घटना: एक भगवताचार्य के साथ जाति के नाम पर बर्बरता
उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद के महेवा ब्लॉक के दांदरपुर गाँव में एक भगवताचार्य, जो ब्यास पीठ पर कथा वाचन कर रहे थे, उनके साथ कुछ असामाजिक तत्वों ने क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया।
उन्हें पीटा गया,
गंजा कर दिया गया,
और यह सब सिर्फ इसलिए कि वे कथित रूप से किसी “जाति विशेष” से नहीं थे।
इस अमानवीय कृत्य का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है।
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🔴 इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए।
यह न केवल एक निर्दोष व्यक्ति पर हमला है, बल्कि
👉 धार्मिक स्वतंत्रता
👉 मानव गरिमा
👉 और सामाजिक समरसता पर भी एक सीधा प्रहार है।
भारत के संविधान में हर नागरिक को धार्मिक कार्यों और मान्यताओं को मानने, प्रचार करने और अभ्यास करने का अधिकार है। किसी व्यक्ति को केवल उसकी जाति के आधार पर धार्मिक कार्य से रोका जाना – सर्वथा असंवैधानिक, अमानवीय और आपराधिक कृत्य है।
⚖️ यह घटना भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के अंतर्गत दंडनीय है:
IPC 295A – धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाना
IPC 323 – स्वेच्छा से चोट पहुँचाना
IPC 504/506 – अपमानजनक भाषा व धमकी देना
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प्रशासन को चाहिए
वायरल वीडियो के आधार पर तत्काल गिरफ्तारी हो
पीड़ित भगवताचार्य को सुरक्षा और सम्मान दिया जाए
इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कठोर दंड मिले
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❝सदियों से चली आ रही हमारी आध्यात्मिक परंपराएं किसी जाति की बंधक नहीं हैं। कथा, धर्म और भक्ति – सबके लिए है, सबके द्वारा है। इसे जाति के कटघरे में खड़ा करना भारत की आत्मा पर हमला है.!