किशोर-किशोरियों ने धूमधाम से की टेशू-झेंझी की शादी सम्पन्नटेशू की शादी के बाद हिंदू समाज में शुरू हुआ सहालग का उत्सव

 किशोर-किशोरियों ने धूमधाम से की टेशू-झेंझी की शादी सम्पन्नटेशू की शादी के बाद हिंदू समाज में शुरू हुआ सहालग का उत्सव

किशोर-किशोरियों ने धूमधाम से की टेशू-झेंझी की शादी सम्पन्न
टेशू की शादी के बाद हिंदू समाज में शुरू हुआ सहालग का उत्सव

जसवंतनगर। नगर और आसपास के गांवों में परंपरागत रीति से टेशू-झेंझी का विवाह समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर किशोर-किशोरियों ने पूरे उत्साह के साथ विवाह की सभी रस्में निभाईं और गीत-संगीत के बीच लोक परंपरा को जीवंत कर दिया।

शादी के दौरान बच्चों ने टेशू की बारात निकाली, झेंझी का स्वागत किया और पारंपरिक गीतों के साथ विवाह की सभी विधियां पूरी कीं। चारों ओर उत्सव जैसा माहौल रहा। नगर की गलियों में भजन और पारंपरिक गीत गूंजते रहे। किशोरियों ने रंग-बिरंगे कपड़े और आभूषण पहनकर टेशू की दुल्हन झेंझी का श्रृंगार किया, वहीं किशोरों ने बाराती बनकर नाच-गान किया।

स्थानीय निवासी पल्लवी, कुमकुम, कुंज, कृष्णा और राघव ने बताया कि टेशू-झेंझी का विवाह हिन्दू समाज में शुभता और उत्सव का प्रतीक है। इसके बाद ही गांवों में शादियों और अन्य धार्मिक आयोजनों की शुरुआत होती है। वहीं पीयूष, आशीष, गुलशन और ऋषभ ने कहा कि यह परंपरा बच्चों को हमारी संस्कृति और सामाजिक एकता का संदेश देती है।

टेशू-झेंझी की शादी के बाद सहालग की शुरुआत के साथ ही नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में खुशियों का माहौल है। लोग इस सांस्कृतिक उत्सव को परंपरा और एकता का प्रतीक मानते हैं।

फोटो: टेशू-झेंझी के विवाह में शामिल बच्चे।

Chetan Jain

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