उमस भरी गर्मी में अघोषित बिजली कटौती से सैकड़ों गांव अंधेरे में

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लोकसत्ता भारत
चेतन जैन
मच्छरों संग रात बिताने को मजबूर लोग
जसवंतनगर। 33 केवी लाइन में ब्रेकडाउन के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप है। दो दिन पहले भी18घंटे तक 33केवी ब्रेक डाउन के चलते प्रभावित रही थी विजली। शनिवार की सुबह सीटी ओर ब्रेकर सही करने के लिए लिया गया सट डाउन जो पूरे दिन में मरम्मत कार्य पूरा नहीं हो सका, जिससे सैकड़ों गांवों के लोग दिन भर उमस भरी गर्मी से बेहाल हैं। शनिवार सुबह रोस्टिंग के बाद भी खबर लिखे जाने तक बिजली बहाल नहीं हो पाई और खबर लिखे जाने तक स्थिति जस की तस बनी रही।
ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे। बलरई, जुगोरा और सिरसा फीडर से जुड़े करीब सौ गांवों में लोग उमस और मच्छरों के बीच रातें गुजारने को मजबूर हैं।जेई कौशल पांडेय और रघुनाथ ने बताया कि हाईवे किनारे 33/11 केवी फीडर पर सीटी और ब्रेकर सुधारने के लिए शटडाउन लिया गया था। बाहर से आए मिस्त्री ने उपकरण तो ठीक कर दिए, लेकिन सप्लाई चालू करते ही सीटी और ब्रेकर लोड नहीं झेल पाए। इसके बाद दोबारा टीम को बुलाया गया है और उम्मीद है कि शनिवार रात तक आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।ग्रामीण कौशलेंद्र, मुकेश, आलोक करू आदि ने कहा कि सुबह 5 बजे से बिजली गई है, लेकिन विभाग के अफसर सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। लोगों ने तंज कसा कि अब तो मच्छरों के साथ रहने की आदत डालनी पड़ेगी। जिन गांवों में अंधेरा पसरा है उनमें बलरई, जुगोरा, पीहरपुरा, बहादुरपुरा, अंडाबली, कोकाबली, तिजोरा, बाउथ, फकीरे की मड़ैया, नगला सलहदी, नगला विशुन, धरवार, ज्वालापुर और नगला असरोही आदि सैकड़ा भर गाँव शामिल हैं।