न अधिकारी,न फरियादी…यह कैसी जन सुनवाई..? जालौन में अफसरों पर भड़कीं महिला आयोग की सदस्या-:

न अधिकारी,न फरियादी…यह कैसी जन सुनवाई..? जालौन में अफसरों पर भड़कीं महिला आयोग की सदस्या-:
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्या अर्चना पटेल 28 जून को जालौन में महिला जन सुनवाई में पहुंची थीं….।।
जालौन: सर्किट हाउस जालौन में शनिवार को महिला जन सुनवाई होनी थी, लेकिन समय पर वहां न जिले के अधिकारी पहुंचे और न ही कोई फरियादी. यह हालात देखकर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्या अर्चना पटेल भड़क गईं. उन्होंने ताबड़तोड़ कई अधिकारियों को फोन लगाया, तब जाकर कुछ अफसर वहां पहुंचे, लेकिन नाराज अर्चना पटेल ने जन सुनवाई का बहिष्कार कर दिया. अर्चना पटेल ने यहां तक कहा कि वे इस मामले की शिकायत राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और सीएम योगी आदित्यनाथ से भी करेंगी. उन्होंने कहा कि जालौन में अधिकारियों का रवैया सबसे लचर है. यहां अधिकारियों का जब सहयोग ही नहीं मिलेगा तो महिलाओं की समस्याएं कैसे दूर होंगी…?
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोगी की सदस्या अर्चना पटेल ने बताया कि ‘यह जनसुनवाई कार्यक्रम पहले 25 जून को प्रस्तावित था. उस दिन भी किसी अधिकारी का सहयोग नहीं मिला तो सुनवाई कैंसिल करनी पड़ी. फिर हमने 28 जून को सुनवाई तय की. मैं 200 किलोमीटर दूर ललितपुर से जालौन पहुंच गई, लेकिन यहां के अधिकारी अपने घरों से निकलकर सर्किट हाउस तक नहीं पहुंचे. जिले के सूचना अधिकारी तक को नहीं पता कि जन सुनवाई होनी है. एक अधिकारी को मैंने फोन किया तो, उसने कह दिया कि मैडम आ जाउंगा 2 मिनट के लिए. जब अधिकारियों के पास 2 मिनट से ज्यादा समय ही नहीं है, महिलाओं की समस्या समाधान के लिए तो फिर यह जन सुनवाई क्यों…?’
अर्चना पटेल ने बताया कि जनसुनवाई के लिए जब उन्होंने विकास भवन सभागार या कलेक्ट्रेट सभागार की मांग की, तो बताया गया कि दोनों सभागार पहले से बुक हैं. जब उन्होंने जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय से बात की, तो डीएम ने स्पष्ट किया कि दोनों सभागार खाली हैं और कार्यक्रम आसानी से संपन्न हो सकता है. यह पहला मौका नहीं है, जब आयोग सदस्य को इस प्रकार की उपेक्षा झेलनी पड़ी हो.।।
पहले भी हो चुकी ऐसी घटना:
16 जून को भी वह उरई आई थीं, जहां सर्किट हाउस में घंटों इंतजार के बाद न तो कोई अधिकारी आया और न ही उन्हें पानी तक उपलब्ध कराया गया. उस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. राज्य महिला आयोग की सदस्या अर्चना पटेल ने कहा कि यह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का प्राथमिकता वाला कार्यक्रम है, लेकिन यहां के अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. एक महीने में दो बार मेरी उपेक्षा हुई है. अब मैं इसकी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से करुंगी….।।