15 वर्ष 6 माह की किशोरी की शादी रुकवाई गई, सखी वन स्टॉप सेंटर भेजा गया

 15 वर्ष 6 माह की किशोरी की शादी रुकवाई गई, सखी वन स्टॉप सेंटर भेजा गया

__________________________लोकसत्ता भारत

चेतन जैन



15 वर्ष 6 माह की किशोरी की शादी रुकवाई गई, सखी वन स्टॉप सेंटर भेजा गया

डीएम को रिश्तेदार की शिकायत के बाद सक्रिय हुई एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और बाल संरक्षण टीम

जसवंतनगर/इटावा।
एक नाबालिग किशोरी की जबरन शादी कराए जाने की सूचना पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, बाल संरक्षण अधिकारी, स्थानीय पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए विवाह रुकवा दिया और बालिका को सखी वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिला अधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला को एक शिकायत पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें बताया गया था कि सिसहाट निवासी एक 40 वर्षीय व्यक्ति से एक 15 वर्ष 6 माह की किशोरी का विवाह 4 जुलाई को होने जा रहा है। शिकायतकर्ता ने इसे कानूनी उल्लंघन और बालिका के भविष्य के लिए गंभीर खतरा बताया था।

डीएम के निर्देश पर निरीक्षक अल्मा अहिरवार (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट), बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता, उपनिरीक्षक महेश कुमार (थाना कोतवाली), और बाल संरक्षण समिति सदस्य प्रेम कुमार शाक्य सहित टीम मौके पर पहुंची और कार्रवाई को अंजाम दिया।
टीम ने मौके पर पहुंचकर किशोरी के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की, जिसमें उसकी उम्र लगभग 15 वर्ष 6 माह पाई गई। बालिका को तत्काल रेस्क्यू कर थाने लाया गया, जहां प्रारंभिक औपचारिकताओं के बाद उसे सखी वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया।
अब बालिका को बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष पेश किया जाएगा, जहां आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
कार्रवाई में मोहित मिश्रा, केस वर्कर, चाइल्ड हेल्पलाइन
कांस्टेबल: अवनीश कुमार, रुद्र प्रताप, मोहन, तरुण कुमार
महिला आरक्षी: अनीता राजपूत मौजूद रहे
भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की की शादी अवैध है और इसमें शामिल व्यक्ति, माता-पिता अथवा आयोजक दंडनीय अपराध के पात्र होते हैं।


यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि प्रशासन और बाल सुरक्षा संस्थाएं सजग हैं, और समाज में किसी भी नाबालिग के अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, यह भी जरूरी है कि समाज जागरूक बने और ऐसे मामलों की सूचना समय रहते संबंधित अधिकारियों को दें।

Chetan Jain

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