अयोध्या से बसपा का ‘यूपी मिशन शुरू
2022 में बसपा का सिर्फ जनता से गठबंधन: सतीश चंद्र
अयोध्या। खेल हो या सियासी बाजी, जो दांव चल जाता है, वो ट्रंप कार्ड कहलाता है और जो फेल हो जाता है वो ‘मंथन शाला में चला जाता है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी कभी एक कार्ड खेला था जिसे ब्राह्मण कार्ड माना गया। यूपी की राजनीति में उनके इस दांव का ऐसा असर हुआ कि मायावती को पूर्ण बहुमत के साथ मुख्यमंत्री की गद्दी मिली। अब जबकि एक बार फिर सिर पर विधानसभा चुनाव है और बसपा को विरोधी तीन में न तेरह में मानकर चल रहे हैं तो मायावती ने एक बार फिर यही पुराना तीर तरकश से निकाला है।
मायावती ने पूरे राज्य में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करने का फैसला लिया है। इसकी शुरुआत आज अयोध्या से की जा रही है। मायावती ने अपने सबसे खास नेता और ब्राह्मण फेस सतीश चंद्र मिश्रा को इसकी जिम्मेदारी दी है। हालांकि, ऐन मौके पर ब्राह्मण सम्मेलन का नाम बदलकर ‘प्रबुद्ध वर्ग संवाद सुरक्षा सम्मान विचार गोष्ठी कर दिया गया है लेकिन ये सिर्फ नई पैकिंग में पुराने माल जैसा है। दलित-ब्राह्मणों के गठजोड़ वाले बसपा के इस मिशन की शुरुआत की जगह भी काफी अहम है। इस मिशन का आगाज रामनगरी अयोध्या से हो रहा है। एक तरफ जहां राम मंदिर निर्माण के क्रेडिट के साथ बीजेपी खड़ी है, वहीं बसपा भी यहीं से अपने सबसे अहम एजेंडे का आगाज कर रही है।
भगवान राम की नगरी अयोध्या से बहुजन समाज पार्टी के मिशन 2022 की शुरुआत करने वाले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। अयोध्या में हनुमान गढ़ी तथा श्रीरामलला जन्मभूमि मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद मिश्र ने कहा कि बसपा ने तो उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सबसे बड़ा गठबंधन कर लिया है।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव तथा राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि 2022 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी जनता से गठबंधन करेगी। सतीष चंद्र मिश्रा ने कहा, ‘भगवान श्रीराम तो सबके हैं। हम भी उनका आशीर्वाद लेने आए हैं। कानपुर के बिकरू कांड में विकास दुबे के भतीजे की पत्नी खुशी दुबे की जमानत के बारे में उन्होंने कहा, ‘हम तो बाराबंकी जेल में बंद खुशी दुबे की हर संभव मदद करेंगे।